A Unique Journey Of Love ; - प्यार की एक अनोखी यात्रा (भाग -१)
This story is based on a true incident
which is of my own and this story has started only a short time. I am not
telling about his name and place in this story. In this story, I do not say to
do all this. There are all kinds of people in the world. Sometimes a good
person can be found in this way too. Now I start my entertaining story.
This story started in a situation where
both of them were alone in their real life and they found some way to make some
new friends through a social site with a
new name and a new identity.
They both had made thousands of friends
there too but the search was still for a true friend. They had started talking
about one of the thousands to find the most talked about.While talking - one
day he too came when both of them got into a collision, after all, whose
meeting was written here, after that both of them started talking
everyday.Things started happening so much that time does not seem to be known and
both could not understand that they were talking so much to a stranger.
Gradually the two were beginning to
understand each other, the friendship that was probably in the mind to take a
new form.
It was getting worse now,
both of them were finding it difficult
to spend even a day without speaking. Years later it seemed like someone had
found something that was exactly like him, each other. He started talking about
his mind and started expressing his feelings, when he slowly understood that
one day he also came when he had to reveal his real identity.
The boy was ready to hide anything from
the girl, now he was not ready to confess, the girl was ready to tell everyone
but a fear was still in his mind, the boy was also understanding his fear and
he also told him when you want to So tell me.
And this friendship continued there, the journey of things did not end. One day the girl suddenly started to tell all about herself, the boy was a little scared, the only thing started in his mind was that the journey of both of us was not even here, because he had to take this journey further.
After telling all the girl, we now go
from here to our real world and why there we start a new beginning. The boy was
also ready, said, "Let me have no problem in leaving from here, I also
want to know you, then it will be possible only when they get out of
here."
That day there was the last meeting of the two, now the next day was the new beginning.
Now there was no strange person in front, with his real name, he now knew each other well, there was no lie or anything hidden between the two.
The new journey was going very well. A
new friend was found with whom both of them wanted to talk. Now recognizing,
when the days had passed, it was too much time to talk on many more messages.
One day the girl said, can we talk on
the phone now, the boy thought he must be joking, the girl asked for his
number, "I will call, the boy is a little nervous now, it has never
happened to him."
What was to happen then, one day the
girl called. Suddenly as soon as his call came, the boy was nervous to talk, he
could not understand what he said. The girl also understood that she is nervous
to talk to him. The talk between the two was a little shorter that day,
But a new journey was ready to begin again.
Now they started talking on the phone.
Both used to be very happy together, the time was not able to be found here as
well and things started getting longer and longer.
Finally, a new form of this friendship
has come, both of them have expressed their love to each other. Now the things
that used to happen were between two lovers, taking care of each other, the
other would get upset in the trouble of one. There was very little fighting in
anger and if done, they used to convince each other.
The condition of this journey is the same even today, the story you were reading as "was", the story is still alive like this.
This story continues even today, just
waiting to meet now.
((……………… to be continue ………))
प्यार की एक अनोखी यात्रा :- A Unique Journey Of Love
ये कहानी एक सत्य घटना पर आधारित है। जो मेरे किसी अपने की है और इस कहानी की शुरुआत हुये अभी कुछ समय ही हुआ है। इस कहानी में उनके नाम और जगह के बारे में नहीं बता रहा हूँ। इस कहानी से में ये नहीं कहता की ऐसा सभी करें। दुनिया में हर तरह के लोग होते है कभी किश्मत से एक अच्छा इन्सान इस तरह से भी मिल जाता है।
अब मैं अपनी इस मनोरंजक कहानी की शुरुआत करता हूँ।
यह कहानी एक ऐसी स्थिति में शुरू हुई जहां दोनों अपने वास्तविक जीवन में अकेले थे और उन्होंने सोशल साइट के माध्यम से एक नए नाम और नई पहचान के साथ कुछ नए दोस्त बनाने का तरीका ढूंढ लिया।
उन दोनों ने शायद हजारों दोस्त बना लिए थे वहां भी लेकिन तलाश अभी भी एक सच्चे दोस्त की थी। शुरू किया था उन्होंने अब सबसे बात करने का , ढूंढने निकले हजारों में से एक को। बात करते - करते एक दिन वो भी आ ही गया जब दोनों की टक्कर हो ही गयी आखिर , जिनका मिलना लिखा था शायद यहाँ , उसके बाद दोनों की बातें रोज होने लगी।
बातें भी इतनी हुआ करने लगी की समय का पता ही नहीं लगता और दोनों ये समझ ही नहीं पा रहे थे की वो इतनी बातें किसी अजनबी से कर रहें थे। दोनों धीरे - धीरे एक दूसरे समझने लगे थे , थी जो दोस्ती शायद मन ही मन एक नया रूप लेने को थी |
हाल बुरा हो रहा था अब दोनों का , बिना बोले एक दिन भी गुजारना मुश्किल हो रहा था। बरसों बाद लग रहा था कोई ऐसा मिला है जो बिल्कुल उसके जैसा था , एक दूसरे के मन की बात बताने लगे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने लगे , धीरे -धीरे जब समझ लिया तो एक दिन वो भी आ गया जब अपनी असली पहचान बताना था।
लड़का तैयार बिल्कुल था उसे लड़की से कुछ छिपाना अब उसे कबूल नहीं था , लड़की भी तैयार थी सब बताने को लेकिन एक डर अभी भी उसके मन में था ,लड़का भी समझ रहा था उसके डर को और उसने भी कह दिया उससे जब तुम्हारा मन हो तो बता देना।
और ये दोस्ती चलती रही वहाँ , बातों का सफर खत्म नहीं हुआ। एक दिन वो लड़की अचानक से अपने बारे में सब बताने लगी लड़का थोड़ा डर सा गया , उसके मन में बस यही बात चलने लगी कहीं हम दोनों का सफर यहीं तक तो ना था , क्यूँकि उसे ये सफर और आगे ले जाना था।
लड़की ने सब बताने के बाद कहा हम अब यहाँ से चलते हैं अपनी असली दुनिया में और क्यूँ न वहाँ हम नयी शुरुआत करते हैं। लड़का भी हो गया था तैयार बोला चलो मुझे नहीं है कोई परेशानी यहाँ से जाने में , मुझे भी तुम्हे जानना है तो वो यहाँ से निकलने पे ही वो हो पायेगा।
उस दिन वहाँ दोनों की आख़िरी मुलाक़ात थी , अब अगले दिन से होने वाली नयी शुरुआत थी।
अब सामने कोई अज़नबी सा इन्सान नहीं था , मिले अपने वास्तविक नाम के साथ अब वो अच्छे तरह से एक दूसरे को जान चुके थे , अब कोई झूठ या कुछ छिपा नहीं था दोनों के बीच।
नया सफर बहुत अच्छा जा रहा था एक नया दोस्त मिला था जिससे बात करना चाह रहे थे दोनों। अब पहचानते , समझते जब दिन बीत गये कई और मैसेजों पे बात करते करते भी बहुत समय हो गया था।
एक दिन लड़की ने कहा क्या अब हम फ़ोन पे बात कर सकते है , लड़के ने सोचा मजाक कर रही होगी , लड़की ने उसका नंबर माँगा कहा मैं कॉल करुँगी , लड़का अब थोड़ा घबरा गया , ऐसा कभी हुआ नहीं था उसके साथ।
फिर होना क्या था , एक दिन लड़की ने कॉल कर ही दिया। अचानक से उसका कॉल आते ही लड़का बात करने में घबरा गया , उसे समझ नहीं आ आ रहा था की वो क्या बोले। लड़की भी ये बात समझ गयी की वो घबरा रहा है बात करने में उससे। उस दिन दोनों के बीच की बात थोड़ी छोटी रही , मगर एक नया सफर फिर से शुरू होने को तैयार था।
अब उनकी बातें फ़ोन पर होनी शुरू हो गयी थी। दोनों साथ बहुत खुश रहा करते थे , समय का यहाँ भी पता नहीं चल पा रहा था और बातें लम्बी और लम्बी होने लग गयी थी।
आख़िर अब इस दोस्ती का नया रूप आ ही गया दोनों ने एक दूसरे को अपने प्यार का इज़हार कर ही दिया। अब बातें जो हुआ करती थी , वो दो प्यार करने वालों में होती थी , एक दूसरे की केयर करते ,एक की परेशानी में दूसरा खुद परेशान हो जाता। गुस्सा लड़ायी बहुत कम हुआ करती थी और हो जाती तो एक दूसरे को मना भी लिया करते थे।
इस सफर का हाल आज भी ऐसा ही है जिस कहानी को आप "था" समझ कर पढ़ रहे थे वो कहानी आज भी ऐसे ही जिन्दा है।
जारी है ये कहानी आज भी , बस इन्तजार अब मिलने का है।
((…………….जारी रहेगा……….. ))
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